Wednesday, August 20, 2008

सच और झूठ

पांव नहीं होने पर भी तेज है झूठ की रफ्तार
और बिकाऊ नहीं होने पर भी खड़ा है सच बीच बाजार
क्योंकि कुछ लोग भाग रहे हैं झूठ को कंधों पर उठाए
और हममें से ज्यादातर लोग जागते नहीं किसी के भी जगाए
आप कहें फर्क नहीं पड़ता लेकिन एक दिन पड़ेगा
जिस दिन आपके भीतर का कमजोर इंसान झूठ के शैतान से लड़ेगा
उस दिन आप हार जाएंगे बिना लड़े
क्योंकि आप वक्त पर सच के साथ नहीं थे खड़े